मगही कवियन के मगहीभासा के परति अगाध प्रेम
बिहार में भि एकर विकास के बात चलैत हे, अउ बरबर मांग सरकार से कइल जा रहल हे लेकीन सरकार कुछु सुनवे नै करैत हे
विश्व मगही परिषद के तहत अंतररासटिये मगही चौपाल लगल पावस के संग मगहियन के उमंग
बिहार का लोकप्रिय मगही भाषा उपेक्षित
मगही कवियन के मगहीभासा के परति अगाध प्रेम हे, जे परसनसनिये हे। बिहार में भी एकर विकास के बात चलैत हे। अउ बरबर मांग सरकार से कइल जा रहल हे, लेकीन सरकार कुछु सुनवे नै करैत हे।
इ काजकरम के मुख अतिथि हलन मगही बकता पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी। माँझी कहलन मगही हम्मर लोकभासा हे, अउ पहचान भि। इ मगहीभासा संस्कृतो से भि पुरान हे। लेकीन बड़ पिछड़ल हे। एकर विकास के बात कइल जितै। समय बेस होतय, तउ हो जितय विकास।मगहीभासा के कविगोष्टी
ढेरो मगही कवियन इ कवि गोष्टी मे भाग लेलथिन, जे बेस लगल।अप्पन कविता से कवियन सभे, सरोतन सभे के एकदमे से लोटपोट कर देलन। परन्तु सरकार अइसन की कुछु सुनवे नै करइ।
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विश्व मगही परिषद् के महासचिव प्रोफेसर नगेन्द्र नारायण कहलन उमीद हे मगही के उथान जरुरे होत।
कवि गोष्ठी के संचालन कइलन वरिष्ठ गीतकार राजकुमार अउ सभे के धनबाद देलन बरिये कवि लालमणि विक्रान्त। उ कहलन सचो, कवि समेलन एतिहासिक रहल।
सफलता पूर्वक कार्यक्रम संपन्न होवे के खुशी में पूरा टीम के प्रति आभार अभिनंदन। 🌹🌹🌹🌹
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