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Wednesday, 28 September 2022

Gaya Jivika |{जीविका दीदियों की अलख}- AnjNewsMedia

जीविका जागरूकता

Gaya Jivika |{जीविका दीदियों की अलख}- AnjNewsMedia
जीविका दीदियों की अलख अनोखी
गया : जिले में पारिवारिक आहार विविधता अभियान के माध्यम से समूह के बीच जागरूकता फैलाने को लेकर अच्छा कार्य करने के लिए गया के तीन संकुल स्तरीय संघों, एचएनएस-एमआरपी एवं क्षेत्रीय समन्वयकों को जीविका के जिला परियोजना पदाधिकारी आचार्य मम्मट द्वारा पुरस्कार और प्रमाण पत्र दिया गया। 
यह पुरस्कार मोहनपुर के कुबेर संकुल स्तरीय संघ, बेला के आरोही संकुल स्तरीय संघ एवं इमामगंज के प्रगति संकुल स्तरीय संघ की प्रतिनिधि जीविका दीदियों को दिया गया। 
तीन क्षेत्रीय समन्वयक दिनेश,अनिल एवं रूद्र को तथा तीन एचएनएस-एमआरपी सीमा, पिंकी एवं रेणु को पुरस्कृत किया गया। जिला परियोजना प्रबंधक द्वारा इस मौके पर सभी को संबोधित करते हुए कहा आपलोगों ने अच्छा कार्य किया है। 
आपसे अब और अधिक अपेक्षा बढ़ गई है। इसे निरंतर जारी रखें। कार्यकर्म में भाग लेने वाली दीदियों एवं कर्मियों ने पारिवारिक आहार विविधता अभियान से जुड़े अपने अनुभव साझा किये। 
Gaya Jivika |{जीविका दीदियों की अलख}- AnjNewsMedia
जागरूकता की जरुरत

पीसीआई  के प्रोजेक्ट मैनेजर नीरज कुमार ने कहा विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 66 प्रतिशत लोगों में अनीमिया अर्थात खून की कमी पाई गयी है जिसका सीधा संबंध पोषण से है। लोगों में इसे लेकर जागरूकता लेन की जरुरत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन तो इस स्वास्थ्य समस्या को शांत आपातकाल मानता है।

 क्या खाना है इसकी जानकारी बेहद जरुरी है। जीविका के प्रबंधक स्वास्थ्य एवं पोषण शंभु प्रकाश ने बताया कि छह माह तक के बच्चों को केवल माँ का दूध ही देना चाहिए। छह माह बाद उन्हें घर में बना आहार देना चाहिए। बच्चों के सही शरीरिक एवं मानसिक विकास के लिए शुरुआती 1000 दिन अति महत्वपूर्ण है। 

माताओं को इसका ध्यान रखना चाहिए। आहार समूह की जानकारी के अभाव में गर्भवती एवं धात्री माताओं को सही पोषण प्राप्त नहीं हो पता। सही पोषण के अभाव में माँ एवं उसके बच्चे दोनों में कुपोषण हो जाता है। कुपोषण के कारण बच्चों की लंबाई एवं वजन भी ठीक से नहीं बढ़ पता। यदि आरंभिक एक हजार दिनों का ध्यान रखते हुए बच्चों सहित गर्ववती एवं धात्री माताओं को सही पोषण दिया जाए, तो उन्हें कुपोषण से बचाया जा सकता है। 

जीविका के प्रबंधक ने जानकारी दी कि जीविका सामुदायिक संगठनों की बैठकों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को समय-समय पर खाद्य समूह की जानकारी दी गई। 

जीविका सामुदायिक संगठनो के माध्यम से कार्यरत जीविका मित्र, सीएनआरपी एवं एचएनएस-एमआरपी द्वारा लाभार्थी सूचि तैयार कर ग्राम संगठन की बैठक के माध्यम से गर्भवती एवं धात्री माताओं को स्वस्थ्य रहने के लिए खाने में 10 में से पांच खाद्य समूह खाने के लिए प्रेरित किया। सभी 73 संकुल स्तरीय संघों द्वारा पारिवारिक आहार विविधता अभियान चलाया गया है। 

ग्राम संगठन द्वारा लाभार्थी सूची तैयार कर घरों का भ्रमण कर आहार समूहों की जानकारी दी गई। ग्राम संगठनों द्वारा दस आहार समूह को समझने के लिए फल, हरी सब्जी, अनाज, दाल आदि का प्रयोग कर आकर्षक रंगोली भी बनाई गई। दीदियों को पिको प्रोजेक्टर के माध्यम से स्वास्थ्य एवं पोषण से सम्बंधित वीडियो दिखाकर मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक जानकारी भी दी गई।

इस सम्मन कार्यक्रम में जीविका के जिला के स्तरीय प्रबंधकों रजेश कुमार, दिनेश कुमार, युवा पेशेवर अंशु, पीसीआई के अभिमन्यु सहित अन्य लोगों ने भी भाग लिया।


- AnjNewsMedia

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