गयाजी में पिंडदानियों के आने का सिलसिला हुआ प्रारंभ
शहर में धार्मिक वातावरण ! धार्मिकता से ओतप्रोत गयाजी
मान्यता ऐसी ! पितृपक्ष में तर्पण से पूर्वजों को मिलती है मोक्ष
9 सितंबर से Pitru Paksha मेले की शुरूआत
endowment free pitrupaksha fair
बंदोबस्ती मुक्त पितृपक्ष मेला
bandobastee mukt pitrpaksh mela
Pitru Paksha Mela got the status of a state fairपितृपक्ष मेले को मिला है राजकीय मेले का दर्जा
यह मेला विश्व प्रसिद्ध मेला हैThis fair is world famous fair
पितृपक्ष मेला विश्व प्रसिद्ध मेला हैPitru Paksha Mela is a world famous fair
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गयाजी धार्मिक नगरी बड़ा पावन ! प्रभु श्रीहर- श्रीहरि करते सबों का कल्याण |
इस महा पावन स्थल पर गया सुर (राक्षस) तरा हीं, अज्ञानी बुद्ध भी। परमब्रह्म भगवान विष्णु की महा कृपा से गयाजी की पावन धरती पर अज्ञानी बुद्ध भी ज्ञानी बन गया। वहीं गया सुर (राक्षस) को सद्बुद्धि मिली थी और वह महा संत बन गया था। ऐसी असीम महिमा है विष्णुपद महाधाम की।
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विष्णुपद में भगवान विष्णु की पूजा कर के तर गए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार श्रीहर की असीम कृपा से वे अपनी राजनीति में कभी भी नहीं हुए असफल ! सदैव चमकी उनकी राजनीति |
भगवान श्रीहर- श्रीहरि के चरण की पूजा- अर्चना कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी धन्य- धन्य हो गए। उनके भाग्य का सितारा चमकते हुए अनवरत बुलंद हुआ। जिससे उनकी राजनीति में चार-चाँद लग गई। वे अपने लक्ष्य में कभी असफल नहीं हुए। उनका असंभव कार्य भी सदैव संभव हुआ। इस पवित्र धार्मिक स्थल का दर्शन- पूजन कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी तर गए।
मुख्यतः यह चरण वेदी है, उसी चरण की पूजा- अर्चना पूरे सद्भाव से होती आ रही है। वह चरण शांति- समृद्धि व मोक्ष का द्योतक है। सामान्य मंदिर से भिन्न, वहां चरणवेदी है। विश्व में ऐसा चरण मंदिर कहीं नहीं है, जो अद्वितीय है।
पिंडदान करने से पहले पिंडदानी सिर का बाल मुंडन करवाते हैं उसके बाद पिंडदान करते हैं। पिंडदान के उपरांत पिंडदानी उस पिंड को गौ को खिला देते हैं। विष्णुपद स्थित पवित्र फल्गुतट स्मृतियों का तीर्थस्थली है।
जहां पिंडदान के माध्यम से पूर्वजों को मुक्ति प्राप्त होती है। यह धार्मिकता से महिमामंडित स्थल है। यही वजह है कि वहां अनवरत बारहो मास पिंडदान का सिलसिला चलता रहता है। यह मोक्षधाम फल्गु नदी के तट पर अवस्थित है।
जो अति प्राचीन है। हिंदूओं का पिंडदान महान पितृपर्व है। पहले यह इलाका अरण्य वन सा था। जो घने जंगलों से आच्छादित था। धीरे- धीरे जंगल कटता गया और इलाका विकसित होता गया। अब यहां सालो भर भक्तिमय वातावरण कायम रहता है।
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अन्तः सलिला पवित्र फल्गु नदी का तट ! जहाँ शांति-सुकून की वातावरण अब नदी हुआ डैम में तब्दील ! रहेगा बारहो मास जल इस संग्रहित जल में अब पिंडदानी करेंगे अपने पूर्वजों का तर्पण |
पिंडदान के लिए पहले कुल 360 वेदियां थी परंतु धीरे- धीरे विलुप्त होता गया और अब मात्र 55 वेदियां पावन पिंडदान के लिए शेष बची है। जिसमें 19 वेदियां विष्णुपद मंदिर के आस-पास हीं है।
वहां सालो भर पिंडदान किया जाता है। फल्गु नदी का ब्राम्हणी घाट सौर तीर्थ है। सूर्यास्त तक हीं श्राद्ध का विधान है। परंतु ब्राम्हणी घाट अपवाद है। वहां दिन हीं नहीं रात में भी श्राद्ध किया जाता है। मंदिर में सूर्य के बारह स्वरूप स्तंभ पर अंकित है। वहां कलाओं से युक्त सूर्य मूर्तियॉं हैं। जहां रात में भी श्राद्ध का विधान है।
विष्णुपद के देवघाट पर पिंडदानियों का तांता लगा रहता है। वहां स्थित मठों के प्रांगण में पिंडदानी पिंडदान करते हैं। गयाजी धर्म का गढ़ है। जो पावन कल्याणकारी धर्मस्थली है। देवघाट में पिंडदानियों की अधिक भीड़ जुटती है। यह देव भूमि की नगरी है।
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नदी हुआ डैम में तब्दील ! अन्तः सलिला फल्गु नदी में अब रहेगा बारहो मास पानी |
पितृपक्ष काल में विभिन्न योनियों के तैंतीस करोड़ देवी- देवता निवास करते हैं, ऐसी मान्यता है। अनेक तीर्थों में पितृपक्ष भिन्न व एकलौती है। यह तीर्थ अनोखी है ही, अद्वितीय भी। क्योंकि गया में पिंड देकर ही लोग मातृ-पितृ ऋण से उऋण होते हैं।
यह महान चरणतीर्थ बिहार राज्य के गया जिला मुख्यालय में स्थित है। जिसे पितरों का महाकुंभ कहा जाता है। चरणतीर्थ अध्यात्म, कर्म तथा ज्ञान का संगम स्थली है।
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पिंडवेदियों के पास शांति- सुकून का पल |
पिंडदानी, पावन धार्मिक अनुष्ठान करते, अघाते नहीं। पवित्र कामना सहित पूर्वजों के मोक्ष प्राप्ति की पूर्ति के लिए श्रद्धालुजन यहां पहुंचते और भगवान विष्णु के चरण की पूजा- अर्चना करते हैं। धर्मग्रंथों में मान्यता है कि पूर्वजों को पिंडदान से मोक्ष मिलती है।
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अन्तः सलिला ! फल्गु नदी के पावन तट पर CM नीतीश कुमार |
हिंदूधर्मावलंबियों के लिए गयाजी चरणतीर्थ स्थली आस्था तथा श्रद्धा नतमस्तक का पावन स्थल है। दुनिया भर में यही एक ऐसा तीर्थ स्थल है जहां पूर्वजों की आत्मा की असीम शांति के लिए पिंडदान व तर्पण किया जाता है। यही वजह है कि यह चरणतीर्थ सबसे भिन्न है।
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श्रीहर- श्रीहरि के दरबार में CM नीतीश |
जिसमें धार्मिकता व ऐतिहासिकता का अनोखापन समाहित है। हिंदू धर्म में तीन ऋण का वर्णन है। जिसमें देव ऋण, ऋषि ऋण तथा पितृ ऋण प्रसिद्ध है। पितृ ऋण से छुटकारा पाने के लिए पितृ यज्ञ यानि श्राद्धकर्म का विवरण धर्मग्रंथों में अंकित है। इस माध्यम से पिंडदानियों ने अपने- अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि सहित भोजन अर्पित करते हैं।
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बने रहिए ! AnjNewsMedia के साथ | अनवरत प्रस्तुति |
उक्त तीनों ऋण जैसे देवऋण, ऋषिऋण और पितृऋण से लोग उऋण होते हैं। इस कार्य से सुफल, मन में सुख तथा घर में धन-संपदा का आगमन होता है। विकट संकट से प्राणियों को छुटकारा मिलता है। जिससे परिवार खुशहाल होता हीं समृद्ध भी।
प्रभु श्रीविष्णु की असीम कृपा से अह्ल्लादित है विष्णु नगरी मोक्षधाम। उनकी असीम अनुकंपा से पिंडदानियों का सदैव कल्याण होता है। चरणतीर्थ में अवस्थित विष्णुपद मंदिर में प्रभु श्रीविष्णु का चरण स्पर्श कर भक्तजन सुफल आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
महान चरणतीर्थ, दुर्गम सप्त पर्वत श्रृंखलाओं से आच्छादित है। प्रेतशिला श्राद्ध-कर्म और अक्षयवट संपूर्ण कर्मकांड केन्द्र है, जहां पिंडदान कार्य संपादित होते हैं।
तीर्थों का तीर्थ चरणतीर्थ तरण- तारन का महाप्राण है। ऐसी मान्यता है कि पूर्वजों की आत्माओं को शांति पिंडदान तथा तर्पण से प्राप्त होती है। विष्णुपद वैष्णवों के महान चरणतीर्थ स्थली के कण-कण में श्रीहरिविष्णु समाहित हैं।
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सिर्फ बालू के पिंडदान से हीं तर जाते हैं पूर्वज |
धार्मिक ऐतिहासिक स्मृतियों से लबालव भरा यह पावन तपःस्थली, तपःभूमि है। मान्यता है कि चरणतीर्थ स्थली में पधार कर जो कोई भी श्राद्ध कर्म करता है उसके सात कुल तर जाते हैं।
समझो, उसके पूरे कुल-खानदान का तरण- तारन हो जाता है। यहां अयोध्या से प्रभु राम-सीता पधारे थे और अपने पिता राजा दशरथ को पावन पिंडदान दिये थे।
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फल्गुनदी में बालू के पिंडदान का ही है विशेष महत्व ! बाकी, पिंडदानी की अपनी श्रद्धा- भक्ति |
सीता माता द्वारा दिये गए सिर्फ बालू के पिंड से हीं राजा दशरथ तर गए थे। चरणतीर्थ नगरी धार्मिकता व मोक्ष से ओत-प्रोत है। यहां सबों का कल्याण होता हीं, मोक्ष भी मिलती। दानव प्रवृति भी मानवता में परिवर्तित हो जाती है। यह ऐसी नगरी है।
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अक्षरजीवी,
अशोक कुमार अंज
वर्ल्ड रिकार्ड जर्नालिस्ट
लेखक- साहित्यकार- फिल्मस्टार
(फ़िल्मी पत्रकारबाबू)
सीईओ, अंज न्यूज मीडिया, इंडिया
संपर्क:- वजीरगंज, गया- 805131, बिहार
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