पेयजल संकट के समाधान
गया : ज़िला पदाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में जिले के शहरी क्षेत्र में पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु समाहरणालय सभाकक्ष में बैठक की गई। उन्होंने कहा कि गया जिले में विगत वर्ष 2018 एवं 2019 में भीषण गर्मी में गया शहर के विभिन्न वार्डों में पेयजल का संकट उत्पन्न हुई थी। ऐसी स्थिति में इस वर्ष गर्मी के दिनों में स्थानीय शहरी क्षेत्र में जहां पर पेयजल की समस्या है, वहां जल परिषद नगर निगम गया अपने अधीनस्थ कर्मियों से स्थलीय निरीक्षण कर पेयजल संकट के समाधान हेतु अपेक्षित कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे।
कार्यपालक अभियंता बुडको ने बताया कि वर्तमान समय में 30 हजार घरों में गंगा जल आपूर्ति दिया जा रहा है। जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि अधिक से अधिक हाउसहोल्ड को गंगा जल आपूर्ति से आच्छादित करना सुनिश्चित करें।
जिला पदाधिकारी ने सख्त निर्देश दिया कि होली के पहले अर्थात 7 मार्च तक जितने भी गलियों में पाइप लाइन बिछाने हेतु गालियां काटी गई हैं, उसे मरम्मत करवाये तथा जहाँ भी लीकेज है, उसे दुरुस्त करवाये।
उन्होंने कहा कि वार्ड संख्या 6, वार्ड संख्या 10, वार्ड संख्या 9 एवं वार्ड संख्या 34 पूरी तरह ड्राई जोन एरिया है, इन वार्डों में विशेष नजर रखा जाना अपेक्षित है।
उन्होंने कार्यपालक अभियंता बुडको को निर्देश दिया कि जिस क्षेत्र से पानी लीकेज की सूचना मिलती है, वहां उसी दिन लीकेज को ठीक करवाएं।
जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि सिंगरा स्थान में लगे वाटर हेड टैंक से पानी ओवरफ्लो की सूचना लगातार मिल रही है। पानी बर्बाद ना हो इसके लिए पंप ऑपरेटर से सुनिश्चित करवाये कि ओवरफ्लो की स्थिति में तुरंत मोटर को बंद करवाना सुनिश्चित करें।
सिंगरा स्थान के कुल सभी 9 वार्डों में कल से गंगाजल पानी आपूर्ति रहेगी। उन्होंने निर्देश दिया कि गर्मी के मौसम में पूरे सुचारू ढंग से पानी सप्लाई करवाएं।
बुढ़वा महादेवस्थान, जोड़ा मस्जिद तथा आजाद पार्क में बने ओवरहेड टैंक को गंगाजल योजना के पाइप लाइन से जोड़ने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 28 फरवरी से इन क्षेत्रों में भी निर्बाध रूप से गंगा पानी घर-घर आपूर्ति सुचारू की जाएगी।
ब्रहमयोनि पहाड़ स्थित बने नए ओवरहेड वॉटर टैंक से पानी ट्रायल कार्य करवाना सुनिश्चित करे, ताकि होली के पहले उस टैंक से जुड़े लोगों को घर-घर पानी मिल सके।
मुरली हिल क्षेत्र में पानी का कनेक्शन देने में तेजी लाएं ताकि 1 सप्ताह के अंदर उस क्षेत्र में भी निर्बाध रूप से पानी आपूर्ति किया जा सके।
जिला पदाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता वुडको को निर्देश दिया कि वैसे टोले या बसावट जो घर घर कनेक्शन से वंचित है। वैसे क्षेत्रों को पूरी बारीकी से जनप्रतिनिधियों से संपर्क करके उन क्षेत्रों में भी गंगाजल पानी आने हेतु पाइप लाइन कनेक्शन देना सुनिश्चित करें।
जिला पदाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को निर्देश दिया कि जिले के शहरी क्षेत्र तथा प्रखंड वार प्रत्येक 15 दिन पर भूगर्भ जल स्तर को मेज़रमेंट करवाना सुनिश्चित करें तथा विगत वर्षों से इस वर्ष भूगर्भ जल स्तर का तुलनात्मक प्रतिवेदन उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें जिससे अनुमान लगाया जा सके कि वर्तमान समय में भूगर्भ जल स्तर पिछले वर्षो की अपेक्षा में किस स्थिति में है जिससे अनुमान लगाया जा सके कि वर्तमान समय में भूगर्भ जल स्तर पिछले वर्षों के अपेक्षा में किस स्थिति में है।
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि वर्तमान समय में 54 टैंकर उपलब्ध है जिसमें पांच टैंकर नगर निगम को हस्तांतरित किया गया है।
नगर आयुक्त ने बताया कि वर्तमान समय में नगर निगम के कुल 40 जगहों पर टैंकर के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है।
जिला पदाधिकारी ने नगर आयुक्त जया नगर निगम को निर्देश दिया कि पानी की समस्या हेतु नगर निगम में एक कंट्रोल रूम की स्थापना करें ताकि शहरी क्षेत्र के पेयजल की समस्या की शिकायत आने पर उसे तुरंत समाधान करवाया जा सके।
बैठक में महापौर, उपमहापौर, नगर आयुक्त गया नगर निगम, कार्यपालक अभियंता जल संसाधन विभाग, कार्यपालक अभियंता गंगाजल, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी, जल पर्षद के अभियंतागण सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
श्रवण श्रुति कार्यक्रम की मदद से बच्चे को लगाया गया कॉकलियर इंप्लांट
ऋृशभ के माता पिता को उम्मीद, बच्चा देगा उनकी आवाज पर प्रतिक्रिया
गया : ऋृशभ की उम्र पांच साल हो रही है. बीते पांच साल में ना तो वह एक शब्द सुन सका और ना ही समझ सका. इन सालों में उसके माता—पिता को यही उम्मीद रही कि उनका बच्चा उन्हें कब पुकारेगा, अपनी प्रतिक्रिया देगा फिर भी आस बुझी सी रही. लेकिन अब श्रवणश्रुति प्रोजेक्ट की मदद से माता—पिता के चेहरे पर उम्मीद की किरण है. श्रवणश्रुति कार्यक्रम की मदद से ऋृशभ के कानों की सर्जरी कर कॉकलियर इंप्लांट किया गया है. बता दें कि श्रवणश्रुति कार्यक्रम की मदद से कम सुनने वाले या बहरेपन के शिकार बच्चों के कानों की जांच कर उनका आवश्यक ईलाज किया जाता है.
जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम द्वारा इस कार्यक्रम का विशेष तौर पर अनुश्रवण कर कॉकलियर इंप्लांट कराये बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी लिया जा रहा है. सर्जरी कराये बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य की कामना की है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया है कि कार्यक्रम की पहुंच को अधिक से अधिक बच्चों तक बढ़ायी जाये तकि कम सुनने वाले या बहरेपन के शिकार बच्चों को इस कार्यक्रम का पूरा लाभ मिल सके.
श्रवणश्रुति की मदद से हुआ कॉकलियर इंप्लांट:
मोहनपुर प्रखंड के गुरियावां गावं के बैरागीटांड टोला निवासी और ऋृशभ के पिता चंद्रदीप दास बताते हैं कि उनका बच्चा जब छह माह का हुआ तब पाया कि पुकारने के बावजूद या किसी प्रकार के आवाज देने पर उनका बच्चा प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है. कई निजी डॉक्टरों से मिलने पर पता चला कि इसके लिए सर्जरी की जाती है जिसमें काफी खर्च है. पैसे नहीं होने की मजबूरी के कारण ईलाज में बाधा आ रही थी. इस बीच जब एक दिन वह मोहनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गये थे जहां उन्होंने अपने बच्चे के बारे में डॉ इम्तेयाज और डॉ सुबोध से चर्चा की. इस चर्चा के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें प्रभावती अस्पताल स्थित जिला अर्ली इंटरवेंशन सेंटर से संपर्क करने की बात बतायी. वहां जाने पर बच्चे के आवश्यक जांच के बाद बताया गया कि इसका कानपुर में सर्जरी किया जा सकेगा. इसके बाद जांच व ईलाज करने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई. वह बताते हैं कि शुरुआती जांच के बाद कानुपर भेजा गया जहां बच्चे के कानों की सर्जरी की गयी. फिलहार बच्चा पूर्व की तुलना में आवाज को थोड़ा—थोड़ा आभास कर पा रहा है. उनका कहना है कि इस कार्यक्रम की मदद से उन्हें आर्थिक तौर पर बड़ी मदद मिली है और इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को धन्यवाद दिया है.
बच्चों का चिन्हित कर किया जा रहा ईलाज:
डीपीएम नीलेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में अब जिला में लगभग नौ बच्चों का कॉकलियर इंप्लांट किया गया है. इसमें होने वाले सभी प्रकार के आवश्यक खर्च स्वास्थ्य विभाग द्वारा वहन किये जाते हैं. ऐसे कई बच्चों को चिन्हित करते हुए सूचीबद्ध किया जा रहा है. उनकी आवश्यक जांच के बाद डॉक्टरी सलाह के अनुसार कॉकलियर इंप्लांट किया जाता है.
- AnjNewsMedia
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